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जीनियस प्रोग्रामिंग से बने डॉ. तथागत अवतार तुलसीतथागत अवतार तुलसी दुनिया के सबसे युवा वैज्ञानिक हैं।

इन्होंने 9 वर्ष की उम्र में हाईस्कूल पास किया, 10 वर्ष की उम्र में बी.एस.सी और 12 वर्ष की उम्र में एम.एस.सी. की परीक्षा पास की। अगस्त 2009 में उन्होंने जेनरलाइजेशन ऑफ क्वांटम सर्च अलोगरिद्म विषय पर पीएचडी प्राप्त की। उनके पिता तुलसी नारायण का कहना है कि तथागत का तेज दिमाग 'प्रोग्रामिंग की देन है। वह यहां तक कहते हैं कि कोई भी इस तरह की 'प्रोग्रामिंग कर जीनियस दिमाग वाला बच्चा पा सकता है।मूल रूप से बिहार के रहने वाले तथागत अवतार तुलसी के पिता तुलसी नारायण प्रसाद सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करते हैं। वेज्योतिषीय-अनुवांशिकी (एस्ट्रो-जेनेटिक्स) में गहरा यकीन रखते हैं। उनका दावा है कि कुछ दशक पहले जब उन्होंने यह कहा था कि जन्म लेने वाले बच्चे का लिंग निर्धारित किया जा सकता है तब उनका सिद्धांत खारिज कर दिया गया था। लेकिन प्रसाद ने तब अपने सिद्धांत को सही साबित करने की ठान ली थी। इसके बाद प्रसाद एक लड़के के पिता बने और अपने सिद्धांत को सही साबित करने की कोशिश की। लेकिन आलोचकों ने उनकी एक न सुनी। आलोचकों ने तब भी उनके सिद्धांत को यह कहकर खारिज कर दिया था कि यह भगवान की देन है। फिर उन्होंने निश्चय किया कि वे एक बार फिर लड़के का पिता बनेंगे। और जब वे दोबारा लड़के के पिता बने तो लोग चुप हो गए।आज एस्ट्रोजेनेटिक्स को लेकर बहुत प्रामाणिक जानकारी उपलब्ध नहीं है। आमतौर पर आज अनुवांशिकी और ज्योतिष का कोई सीधा संबंध नहीं माना जाता है। परंतु तुलसी प्रसाद का मानना है कि यह एक विज्ञान है। उन्होंने कहा कि हमारे वैदिक साहित्य मेंऐसा जिक्र है। प्रसाद के मुताबिक, अगर हम इस सिद्धांत को सही तरीके से लागू करें तो हमें ऐसे ही नतीजे मिलेंगे। उनका कहना है कि मनुष्य का शरीर एक संपूर्ण संस्थान है। प्रकृति ने हमारे शरीर को अनेक वरदान दे रखे हैं। शरीर में जरूरी रसायनों के उत्पादन के लिए ग्रंथियां हैं, जिन्हें अपनी मर्जी के मुताबिक संचालित किया जा सकता है।2001 में जर्मनी में भौतिक विज्ञान में नोबेल सम्मानित वैज्ञानिकों के सम्मेलन में तथागत तुलसी के पिता नारायण ने वहां के 500 वैज्ञानिकों को एक पर्चे के जरिए यह बताया था कि उसने तथागत तुलसी को अप्रतिम प्रतिभासहित पैदा करने के लिए पत्नी के गर्भधारण के साथ ही 'पोरोलॉजी' की तंत्रसाधना की थी। तब जर्मनी में एक वैज्ञानिक ने उसके पर्चे को वापस फेंक दिया और बाकी जोर-जोर से हंस रहे थे।तथागत अवतार तुलसी के माता-पिता के चेहरे पर तब मुस्कान बिखर गई थी जब उनके बेटे को 2003 में दुनिया का सातवें सबसे प्रतिभाशाली युवाओं में शामिल किया गया था। हालांकि तुलसी के माता-पिता ने उसके जन्म से पहले ही यह तय कर लिया था कि तुलसी जीनियस होगा।जय बिहार की गाथा इन विभूतियों से है।आशुतोष सिंह के वाल स

जीनियस प्रोग्रामिंग से बने डॉ. तथागत अवतार तुलसीतथागत अवतार तुलसी दुनिया के सबसे युवा वैज्ञानिक हैं। जीनियस प्रोग्रामिंग से बने डॉ. तथागत अवतार तुलसीतथागत अवतार तुलसी दुनिया के सबसे युवा वैज्ञानिक हैं। Reviewed by Unknown on 22:43:00 Rating: 5

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