गया. दशरथ मांझी। ...माउंटेन मैन। यही तो नाम है दशरथ पर
बनी फिल्म का। फिल्म का जिक्र पहले इसलिए कि यह दशरथ
से जुड़ा सबसे ताजा घटनाक्रम है। वैसे तो जीते जी दशरथ कुछ
पल के लिए मुख्यमंत्री की कुर्सी पर भी बैठे थे। अवसर दिया
था नीतीश कुमार ने। पत्नी की मौत से बौखलाए इस सख्श ने
गहलौर पहाड़ काे छेनी-हथौड़ी से चीर 360 फीट लंबी, 25
फीट गहरी और 30 फीट चौड़ी सड़क बना डाली। 22 साल लगे
इसमें। वजह थी, इसी पहाड़ से पत्नी फगुनी फिसल गई थी। उसे
गंभीर चोट आई थी जिससे उसकी मौत हो गई। लिम्का बुक
ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दशरथ का नाम दर्ज है।
आमिर खान ने सत्यमेव जयते का एक एपिसोड, दशरथ को ही
समर्पित किया था। उन पर कई और फिल्में बनीं, कहानियां
लिखी गईं। काम दशरथ का था कमाई औरों की हुई। देश-
दुनिया के लोगों का गहलोर आना-जाना लगा है। जो आया
उसने गहलौर और दशरथ के परिजनों की तकदीर बदलने का
वादा किया। यह कहानी तो सब जानते है। पर इसके आगे की
कहानी कुछ इस तरह है। माउंटेन मैन की विधवा बेटी लौंगिया
देवी के तीन बेटे हैं। बड़ा सुबोध मांझी इलाके में ही दिहाड़ी
करता है। काम न मिले तो चूल्हा नहीं जल पाता। दूसरा बेटा
बिंदा मांझी चेन्नई में मजदूरी करने चला गया है। वह एक निजी
फैक्ट्री में सफाईकर्मी है।
तीसरा बेटा गया मांझी लखनऊ में ईंट भट्ठा पर पथेरा है। साथ
में पत्नी-दो बेटे और दो बेटी भी हैं। तीन साल की रश्मि और
एक साल के चंदर को छोड़ बारह साल की पिंकी और दस साल
का चंदन भी ईंट पाथने में माता-पिता को सहयोग करते हैं।
लौंगिया का पोता सुधीर गांव में पांचवीं तक पढ़ा।
अर्थाभाव में पढ़ाई छोड़ दी। अब गांव में ही चरवाही कर रहा
है। पहाड़ पर गाय, भैंस और बकरी चराने से कुछ आमदनी हो
जाती है। बेटा भागीरथ मांझी विकलांग है। दशरथ मांझी के
बेटे और बेटी के परिजन गहलाैर गांव के ही दशरथनगर की
झोपड़ी में जीवन बसर कर रहे हैं। शायद ही कोई एक नायक के
परिजनों के ऐसे सूरतेहाल पर फिल्म बनाए। कहानी लिखे।
आमिर खान की मदद का इंतजार
टीवी सीरियल “सत्यमेव जयते’ की शूटिंग के लिए गहलौर
घाटी पहुंचे सिने अभिनेता आमिर खान ने कहा था “शाहजहां
से भी ऊंचा है दशरथ मांझी का प्यार’। इस परिवार को ही
नहीं बल्कि गहलौर के मांझी समुदाय की सूरत और सीरत बदलने
में वह मदद करेंगे। भगीरथ मांझी, मिथुन मांझी, बसंती देवी और
लौंगिया देवी से व्यक्तिगत मुलाकात में उन्होंने शीघ्र
आर्थिक मदद भेजने को कहा था। भगीरथ की पत्नी बसंती
देवी समुचित इलाज के अभाव में गुजर गई। आमिर खान की
वापसी के बाद उनकी एक टीम यहां आई भी, पर मदद आई।
सरकारी वायदा भी अधूरा
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से दशरथ मांझी ने “मन की बात’ कही
थी। कहा था-बेटे भगीरथ और बेटी लौंगिया के परिजनों की
परवरिश का स्थायी इंतजाम कर दें। आश्वासन भी मिला था।
पढ़ी-लिखी पौत्री लक्ष्मी देवी और उसके पति मिथुन मांझी
को सरकारी नौकरी देने की बात थी। कुछ माह के लिए
मुख्यमंत्री बने जीतनराम मांझी ने भी यह वादा किया था।
सारे वादे सरकारी दफ्तरों की फाइलाें में कैद हैं। सरकार ने
गांव की जमीन पर सौर ऊर्जा चालित पेयजल शोधन यंत्र
लगाया। यह उस जमीन पर लगा जहां दशरथ के परिजन खेती
करते थे। यंत्र एक माह चला। खराब हो गया। गांव की खेती
की ही जमीन पर सामुदायिक शौचालय बना। आज तक अधूरा
है।
लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड का सर्टिफिकेट भी
गायब
पहाड़ का सीना चीरकर रास्ता बनाने वाले दशरथ मांझी के
काम को लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया
है। यह सर्टिफिकेट उनके परिजनों के पास नहीं है। सूचना है कि
सर्टिफिकेट, खुद को बाबा (दशरथ मांझी) का भक्त बताने
वाले एक कथित समाजसेवी के पास है जो इसके नाम पर चंदा
उगाही करता है। बोधगया से जुड़ी थाईलैंड की एक संस्था ने
गहलौर में बुद्ध मूर्ति दिया है। परिजनों को कहा जा रहा है
कि बाबा की मूर्ति के बगल में इसे स्थापित करें, अंतरराष्ट्रीय
सहयोग मिलेगा। संस्था की ओर से फिलवक्त भगीरथ मांझी
को सिर्फ दो हजार मिले हैं। हाल ही में गहलौर के दौरे पर आए
यूनिवर्सल सॉलिडरिटी मूवमेंट के राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर
फादर वर्गीज एलेनगाडेन ने भी सवाल किया-फिल्म वाले
करोड़ों का रोजगार कर रहे है, एक पैसा दे नहीं रहे? इस मुद्दे को
वह राष्ट्रीय पटल पर उठाएंगे।
क्या कहते हैं परिजन
हम तो दाने-दाने को मोहताज हैं। दो बेटे कमाने बाहर चले गए।
किसी बच्चे की पढ़ाई ठीक से नहीं हो रही। मजदूरी से ही पेट
चल रहा है। - लौंगिया देवी, दशरथ मांझी की पुत्री
पांचवी तक गांव में पढ़ाई की है। आगे पढ़ने का मन था। स्कूल
दस किलोमीटर दूर मदरडीह जाना पड़ता है। पिताजी मजदूरी
करते हैं। खर्च संभव नहीं था। इसलिए चरवाही कर रहा हूं। -
सुधीर मांझी, लौंगिया देवी का पोता
परिवार का हाल बदहाल
- मजदूरी करने लखनऊ व चेन्नई गए परिजन।
- लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के नाम पर दूसरे ले रहे चंदा।
- फिल्म का 2% आय अभी तक मयस्सर नहीं।
- आमिर खान की ओर से मदद का अब भी इंतजार।
मांझी द माउंटेन मैन की नहीं मिली रॉयल्टी
दशरथ मांझी पर बनी फिल्म “मांझी द माउंटेन मैन’ काफी
हिट हुई है। फिल्म निर्माता केतन मेहता ने पुत्र भागीरथ
मांझी को दो लाख रुपए दिए थे। वादा था कि कमाई का
2% हिस्सा परिवार को मिलेगा। बकौल भगीरथ अब तक एक
पाई भी नहीं मिला। फिल्मवालों से संपर्क का प्रयास भी
किया गया, पर असफल रहे।

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